एन, ए आई, ब्यूरो।
ऊना, जिला मुख्यालय के नजदीकी गांव घंडावल में करीब तीन करोड़ रुपए की लागत से बैंबू विलेज का निर्माण किया जाएगा। बुधवार को स्थानीय विधायक और हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बैंबू विलेज की आधारशिला रखी।
इस परियोजना से एक तरफ जहां पर्यटन विकास को नए पंख लगने की उम्मीद है, वहीं साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को भी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार और स्वरोजगार के मौके उपलब्ध करवाए जाएंगे। बैंबू विलेज में एक और जहां 40 प्रकार का बांस लगाया जाएगा वहीं इसके साथ-साथ यहां पर स्थापित होने वाले उद्योग में बांस के उत्पादों का निर्माण किया जाएगा।
इतना ही नहीं इसी जगह पर इन्हीं उत्पादों को डिस्प्ले करने के लिए भी दुकानों का निर्माण किया जाएगा। ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को यहां के उत्पाद सरलता से इसी स्थल पर उपलब्ध भी हो सके। वही स्वयं सहायता समूह को सीधे तौर पर सोमभद्रा फेडरेशन के तहत इस प्रोजेक्ट से भी जोड़ा जाएगा।
प्रदेश के कृषि मंत्री और कुटलैहड़ के विधायक वीरेंद्र कंवर ने बुधवार को विधानसभा क्षेत्र के घंडावल गांव में बैंबू विलेज की आधारशिला रखी। इस परियोजना पर करीब तीन करोड़ रुपये की लागत आएगी।
इस विलेज में करीब 40 प्रकार के बांस की वैरायटी लगाई जाएगी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इसी क्षेत्र में बैंबू उत्पादों से जुड़ा एक उद्योग भी स्थापित किया जाएगा। जबकि एक ऑक्सीजन पार्क के रूप में भी यह पर्यटकों के लिए काफी आकर्षण का केंद्र बना रहेगा। जबकि बांस से बने उत्पादों को डिस्प्ले करने के लिए यहां पर दुकानों का निर्माण भी किया जाएगा। कृषि मंत्री ने बताया कि यह पूरा प्रोजेक्ट सोमभद्रा फेडरेशन के तहत संचालित किया जाएगा।
कृषि मंत्री ने बताया कि इस बड़े प्रोजेक्ट को बैंबू इंडिया के साथ भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस एक परियोजना से जहां पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों के स्वयं सहायता समूहों को भी रोजगार और स्वरोजगार के लिए सीधे तौर पर साधन उपलब्ध होंगे। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का पर्यटन विकास के साथ-साथ रोजगार और स्वरोजगार को बढ़ावा देने का जो मिशन है उसी के तहत इससे पायलट प्रोजेक्ट पर लिया जा रहा है।
वीरेंद्र कंवर (कृषि मंत्री)